रंग बिरंगे खूबसूरत रोशनियों से नहाया हुआ, उत्तरी भारत के सबसे अमीर मंदिरो मे से एक , स्त्री शक्ति का प्रतीक ,मंदिर है रानी सती का मंदिर –
झुंझुनू के रानी सती के मंदिर -जो एक राजस्थानी महिला रानी सती को समर्पित है,
झुंझुनू एक पुराना और ऐतिहासिक शहर है यह जयपुर से 180 किमी और दिल्ली से 245 किमी दूर स्थित है।
ऐसा कहा जाता
है कि इस शहर का नाम झुंझा या जुझार सिंह नेहरा नामक जाट नेता की याद में रखा गया था।
हम ठीक से नहीं जानते कि ऐसा कब हुआ। लेकिन इस नाम का उल्लेख 15वीं शताब्दी के कई दिगंबर
ग्रंथों में पाया गया है।
श्री राणी सतीजी मंदिर 91- 1592 232755,
रानी सती का वास्तविक नाम नारायणी बताया जाता है। जो 13 वीं और 17 वीं शताब्दी के बीच में रहती थी कहानियों के अनुसार एक युद्ध के दौरान नारायणी देवी/रानी सती के पति की मौत हो जाती है जिसके बाद वो भी सती हो गई थी। अब यह मंदिर सटी प्रथा का विरोध करता है मंदिर परिसर मे बड़े अक्षरों मे यह लिखा गया है
मंदिर सुबह पांच से दोपहर एक बजे तक शाम तीन बजे से रात दस बजे तक खुलता है मंदिर मे रहने लिए हज़ारो कमरे है जो 100 रुपए से 800 रुपए तक के है ac non ac दोनों प्रकार के रूम है हमें जो खास लगी हमारे ac कमरे मे रूम हीटर water cooler यहाँ तक की स्लीपर भी available थी दोपहर तथा रात का भोजन केवल 50 रुपए प्रति व्यक्ति के हिसाब से मंदिर मे उपलब्ध है
यह मंदिर सदियों पुराना है। मंदिर में नारायणी देवी को, शक्ति का प्रतिनिधित्व करने वाला त्रिशूल के प्रतीक के रूप मे पूजा जाता है
2.
Shree
Khemi Sati Temple- JHUNJHUNU - यह
मंदिर हिंदू देवी खेमी सती को समर्पित है,
ऐसा माना जाता है कि यह
मंदिर राठौड़ वंश के शासकों द्वारा
बनाया गया था, इसमें 50 से अधिक कमरे
हैं, एसी और नॉन-एसी
दोनों
3. Panchdev Mandir - Baba Gangaram Dham राजस्थान के झुंझूनूं शहर के पंचदेव मंदिर परिसर में प्राचीन शिल्पकला की नागर शैली में 24 नक्काशीदार खंभों पर मंदिर का निर्माण किया गया है. जिसमें दिशा व नक्षत्रों के अनुसार गणना कर मंदिर की लंबाई, चौड़ाई व ऊंचाई का माप वास्तुशिल्प के आधार पर निर्धारित की गई है.
खंभों को ओडीशा के कारीगरों ने तराशा है. 16 फीट ठोस काले पत्थर की नींव पर बने इस मंदिर की लंबाई 72 फीट, चौड़ाई 46 फीट व ऊंचाई 65 फीट है. करीब 3000 टन संगमरमर लगा है. सीमेंट, चूना, लोहा व स्टील का प्रयोग नहीं किया गया है.मंदिर
में मुख्य शिखर सहित पांच गुंबद है.
झुंझुनूं
में गंगादशहरा के पावन दिन 1975 में उन्होंने पंचदेव मंदिर की स्थापना की. मंदिर में
बाबा गंगाराम सहित श्री शिव परिवार, पवनपुत्र हनुमान, मां दुर्गा एवं मां लक्ष्मी की
प्रतिमाएं स्थापित हैं.
दरगाह हज़रत कमरुद्दीन शाह
एक मुस्लिम संत - कमरुद्दीन शाह की कब्र है। उनका जन्म 1784 में हुआ था।
यह एक परिसर है जिसमें 'मदरसा', एक मस्जिद और एक 'महफिलखाना' शामिल हैं। यह संरचना 1841 में मेजर फोर्स्टर के नवजात बेटे के निधन पर बनाई गई थी।
संत कमरुद्दीन
शाह की दरगाह हिंदू मुस्लिम सद्भाव में एक ऐतिहासिक मील का पत्थर है। दोनों समुदायों
के बीच इस सौहार्द का एक अजीब चित्रण प्रवेश द्वार पर 'स्वस्तिक' चिन्ह के रूप में
देखा जा सकता है।