हैदराबाद और सिकंदराबाद जुड़वां शहर हैं।
हैदराबाद
भारत के राज्य तेलंगाना कि राजधानी है, इस शहर का मुख्य आकर्षण
चारमीनार, हुसैन सागर झील, बिड़ला मंदिर, सालार जंग
संग्रहालय आदि है, चारमीनार के बगल में लाड-बाजार, गुलजार हौज, मशहूर विक्रय
केंद्र है।
हैदराबाद का सबसे प्रमुख
व्यंजन हैदराबादी बिरयानी है। अन्य व्यंजनों में ख़ुबानी का मीठा, फेनी, बादाम की जैली , पाया नाहरी और हलीम
(रमजान के महीने का प्रमुख मांसाहारी व्यंजन)।
राजीव गांधी अतंरराष्ट्रीय हवाई
हैदराबाद के राजीव गांधी
अतंरराष्ट्रीय हवाई अड्डा दुनिया के टाप-10 हवाई अड्डों में शामिल है। इसे टॉप 10 में से आठवां स्थान मिला
है।
बिरला मंदिर
एक 280 फीट ऊँची पहाड़ी पर
निर्मित बिरला मंदिर, भगवान वेंकटेश्वर को
समर्पित है, जो दो हजार टन सफेद राजस्थानी संगमरमर से बना
है! यह मंदिर हुसैन सागर झील के पास स्थित है
चारमीनार
कहा जाता है कि हैदराबाद
में प्लेग जैसी भयानक महामारी पर विजय पाने की खुशी में कुली कुतुब शाही नवाब ने 56
मीटर ऊंचा, चारमीनार का
निर्माण कराया था।
लाड-बाजार
लाड बाज़ार चूड़ियों के लिए प्रसिद्ध है।
लुम्बिनी पार्क
हुसैन
सागर से सटे इस पार्क का निर्माण 7.5 एकड़ वर्ग मील में 1994 में किया गया था यहां का लेजर ऑडिटोरियम देश में 2000 लोगों के बैठने की सुविधा है। लुंबिनी पार्क
में संगीतमय फ़व्वारे लगे हैं। ये शाम के समय बेहद सुंदर दिखते हैं।
मक्का मस्जिद
मक्का मस्जिद भारत के
सबसे बड़ी सबसे पुरानी मस्जिदों में से एक है - इसे बनाने मे लगभग 8000
राजगीर और 77 वर्ष लगे। मस्जिद का मुख्य हॉल 75 फीट ऊंचा, 220 फीट चौड़ा और
180 फीट लंबा है,
सालारजंग संग्रहालय एशिया
का सबसे बड़ा और पुराना संग्रहालय है ऐसा माना जाता है कि यहाँ विश्व का सबसे बड़ा
निजी संग्रह है।
38 गैलरियों में 43 हज़ार से ज़्यादा
कलाकृतियाँ, 9 हज़ार पांडुलिपियाँ और 47 हज़ार मुद्रित पुस्तकें हैं।
इस संग्रहालय का एक मुख्य
आकर्षण 19वीं सदी की ब्रिटिश संगीतमय घड़ी है,
हुसैन सागर हैदराबाद में एक कृत्रिम
झील है झील के बीच में एक टापू पे 1992 में गौतम
बुद्ध की ऊंची प्रतिमा स्थापित है।
हुसैन सागर हैदराबाद और
सिकंदराबाद के मध्य स्थित एक सुंदर हुसैन सागर झील है इसका निर्माण इब्राहिम कुली
कुतुब शाह के दामाद हुसैन शाह ने कराया था। यहाँ 33 प्रसिद्ध ऐतिहासिक लोगों
की मूर्तियां भी हैं।
बुद्ध की प्रतिमा
हुसैन सागर झील के बीच
में स्थित 'रॉक ऑफ गिब्राल्टर' पर स्थापित 350 टन की महात्मा बुद्ध की 18 मीटर ऊंची प्रतिमा है। 1990 में यह प्रतिमा पानी में डूब गई थी
और दो साल तक झील में ही पड़ी रही। 1992 में विशेषज्ञों की
सहायता से इसे निकाल कर यहाँ स्थापित किया
बिडला तारामंडल
बिड़ला तारामंडल देश का
पहला तारामंडल है। इसका शुभारंभ स्वर्गीय एनटी रामा राव ने 1985 में किया था।
ऑल सेंट्स चर्च
-नगर के तिरुमलगिरी स्थित ,गोथिक आर्किटेक्चर का नमूना कहा जाने वाला ऑल सेंट्स चर्च 18वीं सदी में ब्रिटीश की सेना द्वारा बनाया गया
है।
गोलकुंडा क़िला -क़िले के अन्दर स्थित जामा मस्जिद के एक
फ़ारसी अभिलेख से ज्ञात होता है कि,
1518 ई. में भी गोलकुंडा का
संस्थापक कुली कुतुबशाह, महमूद शाह बहमनी का सामन्त और एक तुर्की
अधिकारी था।
गोलकुंडा का क़िला 400 फुट ऊंची कणाश्म (ग्रेनाइट) की पहाड़ी पर स्थित है। इसके तीन परकोटे हैं और
इसका परिमाप सात मील के लगभग है। इस पर 87 बुर्ज बने हैं। दुर्ग के
अन्दर क़ुतुबशाही बेगमों के भवन उल्लेखनीय है। इनमें तारामती, पेमामती, हयात बख्शी बेगम और भागमती के महलों , नौमहल्ला नामक अन्य
इमारतें हैं।
गोलकुंडा दुर्ग के मुख्य
प्रवेश द्वार में यदि ज़ोर से करताल ध्वनि की जाए तो उसकी गूंज दुर्ग के सर्वोच्च
भवन या कक्ष में पहुँचती है।
प्रेमावती व हयात बख्शी बेगमों के मक़्बरे भी इसी उद्यान के अन्दर हैं।
सेंट मेरी चर्च
नेहरू प्राणी संग्रहालय
रामोजी फ़िल्म सिटी
फ़िल्म सिटी लगभग 2000 एकड़ में फैली हुई है। इसकी स्थापना रामो जी राव नामक एक उद्योगपति ने सन 1996 में की थी। यहाँ पर ड्रीम वैली, अंब्रेला गार्डन, एनिमल गार्डन, जापानी गार्डन वगैरह हैं।
यहाँ फोटो खिंचवाने के लिए लुभावने सेट्स भी हैं। यहाँ बच्चों के लिए एक स्पेशल फन
पार्क है, जहाँ की सैर बड़ों को भी बहुत लुभाती है।