क्या आपने ऐसे किसी मंदिर के बारे सुना है जहाँ पर हनुमान जी की दाढ़ी व मूंछे है
एक
मंदिर जिसकी कुछ रोचक बातें आपको हैरान कर देंगी
भारत
के एक मात्र दाढ़ी
मूछ वाले हनुमान जी का मंदिर
,जहाँ
भगत हनुमान जी को नारियल
चढ़ा कर मन्नत मानते
है
यहाँ पर हनुमान
जी को बाला जी के नाम से पूजा जाता
है
बाला जी के प्रकट होने की कथा जितनी ही चमत्कारी है उतने ही बाला जी भी चमत्कारी और भक्तों की मनोकामना पूरी करने वाले हैं
बालाजी के
बारे में एक बड़ी रोचक बात यह है कि इनके मंदिर का निर्माण करने वाले मुसलमान कारीगर
थे। इनमें नूर मोहम्मद और दाऊ का नाम शामिल है।
300 वर्ष से यहाँ अखण्ड धुना जल रहा है
यह मंदिर सालासर बालाजी के नाम से विख्यात है
सालासर कस्बा, राजस्थान में चूरू जिले का एक हिस्सा है यह सीकर से 57 किलोमीटर, सुजानगढ़ से 24 किलोमीटर और लक्ष्मणगढ़ से 30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। नजदीकी हवाईअड्डा जयपुर से सालासर पहुँचने में 3.5 घंटे का समय लगता है।
नागौर जिले में असोटा गाँव का एक किसान अपने खेत को जोत रहा था।अचानक उसे मिट्टी में सनी बालाजी भगवान श्री हनुमान की मूर्त्ति थी। बालाजी ने असोटा के ठाकुर को सपने में आकर आदेश दिया कि इस मूर्त्ति को सालासर भेज दिया जाए। मूर्त्ति को सालासर भेज दिया गया मोहनदास जी ने निर्देशित किया कि “बैल जहाँ पर भी रूकेंगे, वहीं पर मूर्ति की स्थापना होगी”| बैल रेत के टीले पर जाकर रूक गये सन् 1755 शनिवार के दिन श्री बालाजी महाराज की मूर्ति की स्थापना की गई।
प्रतिष्ठा के समय से ही मन्दिर के अन्दर दीप प्रज्वलित है।
मोहनदास जी का अखण्ड धूंणा है, श्री मोहनदास जी और मोहनदास जी की बहन दादी की समाधी बालाजी मंदिर के पास स्थित है
अंजनी माता का मंदिर
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