गंगा नदी के दाहिने किनारे पर स्थित, ऋषिकेश हिमालय की तलहटी मे भारत के उत्तरखण्ड-प्रदेश में स्थित है
योग , ट्रैकिंग, बंजी जम्पिंग रिवर राफ्टिंग के इलावा "विश्व की योगनगरी" एवं हिन्दू धर्म के जिज्ञासु लोंगो का केंद्र आस्था-अध्यात्म की पावन नगरी , , हिन्दुओं का तीर्थस्थल, , यह शहर हरिद्वार se 25 कि.मी. और राजधानी देहरादून से 43 कि.मी. है।
प्राकर्तिक सौन्दर्यता, शांत वातावरण, धार्मिक मान्यता एवं गंगा नदी ऋषिकेश को अतुल्य बनाती है | ऋषिकेश दो शब्दों के संयोजन से बना है , “ऋषिक” और “एश” | “ऋषिक” का अर्थ है “इन्द्रिया” और “एश” का अर्थ है “भगवान या गुरु” | स्कन्द पुराण में, इस क्षेत्र को कुब्जाम्रक के रूप में जाना जाता है,
भगवान राम के छोटे भाई, लक्ष्मण से जुड़ी ऋषिकेश की एक और किंवदंती है, जिन्होंने एक बार इसी स्थान पर रस्सी से बने पुल पर गंगा नदी को पार किया था। हालाँकि, जूट से बना मूल पुल (लक्ष्मण के सम्मान में) 1924 की बाढ़ में नष्ट हो गया था। झूले के बीच में पहुँचने पर वह हिलता हुआ प्रतीत होता है। 450 फीट लम्बे इस झूले के समीप ही लक्ष्मण और रघुनाथ मन्दिर हैं। वर्तमान पुल विकतमसंवत 1929 में बनवाया गया था। पूरा पुल लोहे का बना है और नदी से करीब 70 फीट की ऊंचाई पर स्थित है
ऋषि कुंड-ऋषि कुंड’ एक प्राकृतिक गर्म पानी का तालाब है, लोगों का यह भी मानना है कि भगवान राम ने अपने वनवास के दौरान कुंड में स्नान किया था
प्रसिद्ध घूमने के स्थल
लक्ष्मण झूला ,राम झूला ,परमार्थ आश्रम, गीता भवन, त्रिवेणी घाट, स्वर्ग आश्रम ,तेरह मंजिला मंदिर,
राम झूला पार करते ही गीता भवन है 1996 मे राम झूला बनाया गया था
ऋषिकेश
से 18 किलोमीटर की दूरी पर
देहरादून के निकट जौली
ग्रान्ट एयरपोर्ट नजदीकी एयरपोर्ट है। ऋषिकेश का नजदीकी रलवे
स्टेशन ऋषिकेश है
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