Thursday 7 September 2017

उदयपुर

उदयपुर -झीलों की नगरी -आपने यदि राजस्थान का जैसलमेर देखा है तो आप के मन मैं राजस्थान की छवि रेत के टीले से ज्यादा नहीं हो सकती परन्तु उदयपुर मैं आ आप आश्चर्य से भर जाये गे कि यहाँ इतनी हरयाली, इतनी झीले है वो भी मानव निर्मित - दुनिया के सबसे खूबसूरत शहरों मैं इसकी गिनती होती है यहाँ आप को लोकल लोग कम विदेशी ज्यादा दिखे गे हर तरह का खाना , रंग बिरंगे लिबास , विंटेज गाड़ियों की नुमायश , बड़े बड़े महल , कांच घर की सुंदरता , दाल भाटी चूरमा का स्वाद , राजस्तानी कड़क नाथ मुर्गे का सालन , करनी देवी के मंदिर से पहाड़ी के ऊपर केबल कार से झांकते हुए शहर की एक झलक ,जगदीश मंदिर की कलाकृति , सहेलिओं की बाड़ी के फवारे , हल्दी घाटी में गूंजते राणा जी की बहादुरी के किस्से , आप को खुशी से मदमस्त ना कर दे तो आप इंसान हो ही नहीं सकते



रंग बिरंगे सूखे पेड़


पिछोला झील

उदयपुर की प्रसिद्ध  झीलों में से एक  पिछोला झील-1362 ई  में निर्मित  एक ताज़े पानी की झील हैजिसका नाम पास के पिचोली गाँव के नाम पर रखा गया था।



मोती मगरी
फतेहसागर के पास की पहाड़ी पर स्थित है

महाराणा प्रताप की मूर्ति


जापानी रॉक गार्डन 



फतेह सागर 

उदयपुर की  चार झीलों में से एक " फतेह सागर " कृत्रिम झील का निर्माण  महाराणा फतेह सिंह द्वारा वर्ष 1678 में करवाया  गया था। इस  झील की लंबाई 2.4 किमी, चौड़ाई1.6 किमी ,गहराई  11.5 मीटर  तक फैली हुई है। 



नेहरु गार्डन




सहेलियों की बाड़ी
दासियों के सम्मान में बना बाग

इसका निर्माण 18वीं सदी(1710 ईस्वी से लेकर 1734 ईस्वी ) के दौरान महाराणा सांगा (महाराणा संग्राम सिंह) द्वारा करवाया  गया था।इंग्लैंड से मंगवाए गए फव्वारे ,संगमरमर के हाथी ,फव्वारे ,छतरी ,तालाब में कमल के फूल, श्रावण मास की अमावस्या को  लगता मेला आकर्षण का मुख्य केंद्र हैं इसके अन्दर एक संग्रहालय भी हैं।







जगदीश मंदिर


 इस मंदिर में भगवान विष्णु तथा जगन्नाथ की मूर्त्ति स्थापित है।






महाराणा जगत सिंह द्वारा इंडो-आर्यन शैली में  1651 में निर्मित जगदीश मंदिर  भगवान विष्णु को समर्पित है  मूर्ति काळा पत्थर से बनी है -तीन मंजिला  मंदिर तक पहुंचने के लिए, आपको 32 सीढ़ियों चढ़नी पड़ती है प्रवेश द्वार पर दो विशाल पत्थर के हाथी उप्पर जाने पर गरुड़ की पीतल की प्रतिमाआपका स्वागत  करती है पहली और दूसरी मंजिल पर 50 खम्भे हैं। मंदिर के शीर्ष की ऊंचाई 79 फुट है





सिटी पैलेस 
सिटी पैलेस उदयपुर महल का निर्माण महाराणा उदय सिंह-द्वितीय ने करवाया था। यह परिसर 400 वर्षों में बने भवनों का समूह है। यह एक भव्य परिसर है। इसे बनाने में 22 राजाओं का योगदान था।  






लेक पैलेस होटल





दूध तलाई 





दूध तलाई करनी माता मंदिर 



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