Monday 14 August 2017

मुंबई--बम्बई

मुंबई दो शब्दों के मेल से बना है मुम्बा तथा आई - मुम्बा लोकल देवी का नाम है तथा आई का अर्थ है माँ 7 द्वीपों का समूह मुंबई मिली जुली संस्कृतिओ का मिश्रण है कलाकारों की नगरी , सपनो की नगरी , भारत की अर्थवयवस्था का दिल , डिब्बावालों की नगरी , मछुआरों की धरती , कॉर्पोरेट जगत का मक्का , भगवन गणेश की गणेश चतुर्थी पे गणेश उत्सव मनाती मुंबई , अपनी नाईट लाइफ के लिए पर्सिद ,अक्सा, जुहू बीच पे मस्ती के लिए नोजवानो की पसंद,खान पान के शौकीनों के लिए चाक लेट चाय , दाल बड़ा ,बड़ा पाओ , भेल पूरी , सेव पूरी,मिर्चीवडा ,भगतो के लिए प्रशाद मैं मोदक ,पुरण पोली जैसे व्यनजन खिलाती मुंबई
अलग अलग शैली की बनी इमारते लिए मुंबई ,1600 से ज्यादा हर वर्ष फिल्मे बनाने वाले भारत की फिल्म नगरी मुंबई आप के सफर को यादगार बना देगी


गेट वे ऑफ़ इंडिया 

गेटवे ऑफ़ इन्डिया--यह एक बड़ा सा द्वार है जिसकी उंचाई 26 मीटर (85 फीट) है प्रवेशद्वार का निर्माण राजा जॉर्ज पंचम और रानी मैरी के आगमन 2 दिसंबर, 1911 की यादगार में हुआ था। इसके वास्तुशिल्पी जॉजॅ विंटैट थे। यह सन् 1924 में बन कर तैयार हुआ।




विक्टोरिया टर्मिनल रेलवे स्टेशन 
VT--छत्रपति शिवाजी टर्मिनस

 कभी विक्टोरिया टर्मिनस (वीटी) के नाम से मशहूर रही है. 1853 में मुंबई तब बॉम्बे के बोरीबंदर स्टेशन से ठाणे के लिए पहली यात्री ट्रेन दौड़ी थी और इसके बाद यहीं पर 20 जून 1878 को विक्टोरिया टर्मिनस स्टेशन का निर्माण कार्य शुरू किया गया जो अगले 10 सालों में बनकर तैयार हुआ. यूनेस्को ने 15 साल पहले इस ऐतिहासिक इमारत को विश्व विरासत स्थल घोषित किया, टर्मिनस का डिजाइन ब्रिटिश वास्तुकार एफडब्ल्यू स्टीवंस ने तैयार किया था और यह इमारत 2.85 हेक्टेयर क्षेत्र में फैली हुई है. टर्मिनस में 3 देशों (भारत, ब्रिटेन और इटली) की कला नजर आती है.


मुंबई सेंट्रल रेलवे स्टेशन


विधान सभा 


हुतात्मा चौक 
  
हुतात्मा चौक   -पुराना नाम फ्लोरा फाउंटन

फ्लोरा फाउंटेन या हुतात्मा चौक एक फव्वारा है महाराष्ट्र की लड़ाई में अपने शहीदों को याद दिलाने के लिए, इस चौक का नाम हुतात्मा चौक रखा गया।


छत्रपति शिवा जी महाराज म्यूजियम
'The Prince of Wales Museum of Western India') 

छत्रपति शिवाजी महाराज वस्तु संग्रहालय मुंबई,
(पूर्व नाम 'The Prince of Wales Museum of Western India') मुम्बई का मुख्य संग्रहालय हैइस म्यूजियम का निर्माण 20 वीं शताब्दी के दौरान प्रिंस ऑफ वेल्स एडवर्ड VIII की भारत यात्रा के सम्मान में किया गया था।11 नवंबर 1905 को इस संग्रहालय को बनाने का काम शुरू किया गया।1915 में यह संग्रहालय बनकर तैयार हआ तीन मंजिला भवन 2 एकड़ की जमीन पर बनाया गया है। इस विशाल संग्रहालय में 50,000 से ज्यादा कलाकृतियों को जगह दी गई है।


तारापोरवाला मछली घर 

 तारापोरवाला मत्स्यालय--मत्स्यालय में चीन, श्रीलंका, सिंगापुर, हॉगकांग और भारत के लक्ष्यदीप सहित कई अन्य देशों की 300 के करीब दुलर्भ प्रजातियों को देखा जा सकेगा समें सागरी मछलियों के लिए 16 टैंक, मीठे पानी के 9 टैंक और छोटी प्रदर्शनी के लिए 15 टैंक बनाए गए हैं। मरीन ड्राइव स्थित तारापोरवाला मत्स्यालय 1951 में शुरू हुआ था अब 20 करोड़ रुपए की लागत से इसका नवीनीकरण किया गया है।


जिजामाता  उद्यान

मुंबई के चिड़ियाघर विक्टोरिया गार्डन का नाम अब जीजामाता उद्यान हो गया हैं।


नेहरू साइंस सेंटर  


राजबाई क्लॉक टावर 


पवई लेक 

वई झील मुंबई स्थित 550 हेक्टयर में फैली एक मीठे पानी की झील है। मुंबई की इकलौती पवई झील को ऐतिहासिक धरोहर दर्ज भी मिला हुआ है,


हैंगिंग गार्डन
हेंगिग गार्डन मुंबई  मालावार पहाड़ी के शीर्ष भाग पर स्थित इस गार्डन का निर्माण 1881 ई. में किया गया था। इस गार्डन को 'फ़िरोज़शाह मेहता गार्डन' के नाम से भी जाना जाता है।



एस्सेल वर्ल्ड 

64 एकड़ जमीन पर फैले , एस्सेल वर्ल्ड मनोरंजन पार्क की शुरुआत 1989 में की गई थी यहाँ 14 पारिवारिक झूले, 11 एड्रेनालाईन-पम्पिंग 15 बच्चों के झूले है।एस्सेल वर्ल्ड में 3400 वर्ग फुट में फैले मुंबई की पहली आइस स्केटिंग रिंक भी है।


गाँधी मंडप


कन्हेरी  केव्स

कन्हेरी की गुफाओं के प्रारंभिक निर्माण  को 3bc का माना जाता है. और अंतिम चरण के निर्माण को 7ad का. 108 गुफाओं है


एलीफैंटा  आइलैंड

एलिफेंटा छठी सदी की गुफ़ाओं के लिए प्रसिद्ध है।एलिफेंटा द्वीप के दक्षिण में मिली हाथी की एक विशाल प्रतिमा के कारण इसका पुर्तग़ाली नाम 'एलिफेंटा' पड़ा।भगवान शिव की छह मीटर की त्रिमूर्ति प्रतिमा है, गेटवे ऑफ़ इंडिया से लगभग 12 की.मी. दूर अरबसागर में स्थित हैं एलिफेंटा गुफाएं। कुल सात गुफाएं हैं

 नटराज के रूप में शिव , शिव द्वारा अंधकासुर वध , कैलाश पर्वत पर विराजमान शिव पार्वती, कैलाश पर्वत उठाये रावण , गंगाधर रूप में शिव , अर्धनारीश्वर, त्रिमूर्ति को पत्थरो पर तराशा गया  हैं

भगवान् शंकर की नौ बड़ी बड़ी भव्य प्रतिमाओं में सर्वाधिक आकर्षक गुप्त-चालुक्य काल में प्रचलित शिल्पकला की 24 फीट लंबी एवं 17 फीट ऊंची त्रिमूर्ति प्रतिमा। 

इस प्रतिमा में भगवान् शंकर के तीन रूपों का चित्रण किया गया है। शिव के छः आयामों में से तीन आयाम इस त्रिमूर्ति में दर्शाए गए हैं। ये हैं:-

हाथ में कमल , मुख पर मुस्कान,  शिव प्रति स्नेह का भाव दर्शाता ब्रम्हा का प्रतिनिधित्व करता बांया शीष भगवान् शिव का नारी सुलभ रूप है।

• मुख पर मूंछें, हाथ में सर्प, यह शिव का आक्रोश दर्शाता दांया शीष शिव का रूद्र रूप है।

• मध्य शीष में ध्यानमग्न मुद्रा में शिव योगी प्रतीत होते हैं 





जामा मस्जिद क्रॉफोर्ड मार्किट 


हाजी  अली  दरगाह

हाजी अली की दरगाह मुंबई के वर्ली तट के निकट सड़क से लगभग 400 मीटर की दूरी पर एक छोटे से टापू पर स्थित है. इसे सैय्यद पीर हाजी अली शाह बुखारी की याद में सन 1431 में बनाया गया था. इसके निर्माता का नाम हाजी उस्मान था  हाजी अली ट्रस्ट के अनुसार हाजी अली उज़्बेकिस्तान के बुखारा प्रान्त से सारी दुनिया का भ्रमण करते हुए भारत पहुंचे थे हाजी अली ट्रस्ट की स्थापना 1916 में कुट्ची मेमन समुदाय के सदस्यों द्वारा किया गया  इस दरगाह की पहचान है 85 फीट ऊंची मीनार. मुख्य कक्ष में अल्लाह के 99 नाम उकेरे गए हैं.


बाबुल नाथ मंदिर

  कथा के मुताबिक बाबुलनाथ मंदिर के शिव लिंग और अन्य मूर्तियों को 12 वीं शताब्दी में हिन्दू राजा भीमदेव द्वारा प्रतिष्ठित किया गया था। मंदिर की मूर्तियों को फिर से 1700-1780 शताब्दी के दौरान खोद कर खोज निकाला गया जिसके बाद 1780 में पहले मंदिर का निर्माण हुआ। दोबारा से खोज निकाले गए मूर्तियों में शिवलिंग, हनुमान जी की मूर्ति, गणेश जी की मूर्ति, पार्वती जी की मूर्ति और एक अन्य भगवन की मूर्ति शामिल थीं जिनमें से 4 मूर्ति अब तक मंदिर में विराजमान हैं लोक मान्यता अनुसार  श्री बाबुल नाम के ग्वाले ने इस शिवलिंग को अपने स्वामी श्री पांडुरंग को दिखाया था, इसलिए उनके नाम से मंदिर का नाम बाबुलनाथ हुआ। दूसरा विचार है कि मंदिर का मूल शिवलिंग एक बबूल वृक्ष की छाया के नीचे मिला था, इसलिए इसका नाम बाबूनाथ रखा गया।



इस्कॉन मंदिर जुहू


संजय गाँधी नेशनल पार्क जैन मंदिर

मुंबई के संजय गाँधी नेशनल पार्क मैं जैन धर्म के तिरंथकार  आदिनाथ तथा उनके दो पुत्रो भारत एवं बाहुबली की विशाल काया मुर्तिया लगाई गयी है  


सत माइकल चर्च माहिम


खंडाला और लोनावला---

मुंबई पुणे का बहुत ही शानदार हील स्टेशन है। बहुत ही सुखद और शांत जगह है। बरसात के मौसम में यहां का मौसम बहुत ही रंगीन ओर प्यारा हो जाता है।


भूसी डैम


लोनावला का अर्थ है पत्थरों को काट कर बनाया "आश्रय स्थल" 



खंडाला के मुख्य आकर्षण हैं कारला की गुफाएं 



लोनावला मिठाई चिक्की , बहते हुए झरनों
 के लिए प्रसिद्ध है  

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