मैक्लोडगंज
हिमाचल के
धर्मशाला के पास बसा ये शहर मिनी लहासा के नाम भी जाना जाता है मैक्लॉडगंज का नाम सर डोनाल्ड फ्रील मैक्लॉड जो कि पंजाब के लेफ्टिनेंट गवर्नर थे के नाम पर रखा गया है;यहाँ पर दलाई लामा
एवं उसके अनुयाई जब तिब्बत से भाग कर आये थे तो यहाँ शरण ली थी आज यहाँ सबसे जयादा
तिब्बत वासी रहते है दलाई लामा के कारन देश विदेश के पर्यटक भी यहाँ आते है
भागसूनाग
मंदिर और झरना
मेकलॉडगंज
के आस-पास बने मंदिर लोगों को खासे आकर्षित करते हैं। यहां से लगभग 10 किमी की दूरी
पर स्थित है भागसूनाग मंदिर।
भागसूनाग मंदिर
भागसू
मंदिर से 2 K.m
नामग्याल
मठ
यहाँ तिब्बतियन
लोगो का मंदिर, त्सुग्लाग्खांग संग्रहालय, दलाई लामा का घर एवं सुन्दर बाजार जो तिब्बत
के फ़ूड , कलाकृतिओं से आप का मन मोह लेगा
यहाँ पर आप
को जापानी , तिब्बतियन , हिमाचली खाने का स्वाद चखने का मौका मिले गा लुंगता रेस्ट्रोरेन्ट
मैं जापानी खाने , तिब्बत बेकरी मैं याक मफिन्स
, दालचीनी की पेस्ट्री , याक चीज़ पेस्ट्री
, जर्मन बेकरी मैं लाफा एवं स्ट्रीट फ़ूड मैं
मोमोस , थुक्पा , स्टीम्ड ब्रेड , फ्राइड मोमो का आनंद ले सकते है
TIPA
Tibetan
Institute of Performing Arts तिब्बत की सांस्कृतिक झलकियों को दिखाता है. तिब्बत की लोक संस्कृति और संगीत को सैलानियों
के बीच लोकप्रिय बनाती यह संस्था, पर्यटकों
को अपनी ओर खींचती है.
संत जॉन चर्च
-- गोथिक आर्ट मैं बना यह चर्च 1852 से शान से खड़ा है इसकी कांच की खिडकीओं पर आप ग्लास
वर्क का काम देख सकते है
मैक्लोडगंज
से3 K.M दूर है नड्डी यहाँ एक सुन्दर झील है पास ही एक छोटा सा मंदिर है यहाँ से आप
तरुण्ड की ट्रैकिंग पर जा सकते
है
मक्लोडगंज धर्मशाला के
निकट एक हिल स्टेशन है, तिब्बतियों की बड़ी आबादी के कारण इसे “लिटिल
ल्हासा” भी कहते है
गगल हवाई अड्डा धर्मशाला
से केवल 10 कि.मी. की दूरी पर स्थित है। निकटतम रेलवे
स्टेशन पठानकोट शहर है जो कि मक्लोडगंज से 91 कि.मी. और धर्मशाला से 88 किलोमीटर दूरी पर स्थित है।
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