बाबा वडभाग सिंह जी ने दिव्य शक्ति से नाहर सिंह को काबू करके बेरी के वृक्ष के नीचे एक पिंजरे में कैद कर लिया। बाबा वडभाग सिंह ने उसे इस शर्त पर आजाद किया कि वीर नाहर सिंह अब बीमार और बुरी आत्माओं के शिकंजे में जकड़े लोगों को स्वस्थ करेंगे बेरी का पेड़ आज भी यहां मौजूद है और डेरा बाबा वडभाग सिंह नामक धार्मिक स्थल के साथ सटा है।
डेरा बाबा वडभाग सिंह के दरबार में बुरी आत्माओं व मानसिक विकारों से मुक्ति मिलती है।
जिस स्थान पर बाबा जी ने
तपस्या की थी उसे मंजी साहब कहा जाता है।
वडभाग सिंह की छोटी बहन - बीबी भानी। माता राज कौर जीकी समाधी
No comments:
Post a Comment