Assam की प्राचीन महाभारत कालीन नाम प्रगज्योतिषपुर है। असम की
राजधानी (दिसपुर) Guwahati है। दोस्तों आप लोग शायद गुवाहाटी का मतलब
जानना चाहते हैं तो चलिए” गुवा यानी सुपारी” और “हाटी यानी बाजार”। मतलब सुपारी का
बाजार। कामरूप के पुराने लोग कहते हैं की असम की दिसपुर मैं सुपारी का बहुत बड़ा
बाजार लगता था इसीलिए इस जगह का नाम पड़ा गुवाहाटी।
ब्रह्मा पुत्र
नदी
उमानंदा मंदिर
उमा का अर्थ है मां यानी पार्वती और आनंद भगवान शिव का ही
नाम हैभारत में शिव और पारवती जी के कई मंदिर हैं एक मंदिर गोहवाटी शहर में
दुनिया के सबसे छोटे रिवर आइलैंड ब्रह्मापुत्रा नदी के बीचों-बीच उमानंदा में है। उमानंद दीप का सबसे प्रमुख आकर्षण दुनिया के दुर्लभ सुनहरी
लंगूर 17 विशेष किस्म के पक्षी है द्वीप पर जाने के
लिए आपको नाव,मोटर बोट या
स्ट्रीमर से जाना पड़ेगा लोग मानते हैं कि कामाख्या देवी मंदिर के दर्शन करने से पहले
इस मंदिर में शिव जी के दर्शन करने चाहिए तब ही कामाख्या देवी के दर्शन सफल हो
पाते हैं। इस दीप पर पांच और मंदिर
है- गणेश मंदिर, हरगौरी मंदिर, जयंतीका मंदिर, चंद्रशेखर मंदिर
और वैद्यनाथ मंदिर।
शुक्लेश्वर
मंदिर
1744 में अहोम राजा प्रामत्ता सिंह द्वारा बनवाया गया यह
मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। कामाख्या
देवी
कामाख्या
देवी
कामाख्या मंदिर गुवाहाटी से 7 किलोमीटर नीलाचल पव॑त पर स्थित है। यह मंदिर शक्ति की देवी सती का
मंदिर है। इस तीर्थस्थल के मन्दिर
में शक्ति की पूजा योनिरूप में होती है। यहां कोई देवीमूर्ति नहीं है। योनि के
आकार का शिलाखण्ड है, जिसके ऊपर लाल
रंग की गेरू के घोल की धारा गिराई जाती है मंदिर के परिसर
में अन्य दस महाविद्याओं काली, तारा, बगला, छिन्नमस्ता, भुवनेश्वरी, भैरवी, धूमवती के मंदिर भी हैं। इतिहास के अनुसार
वर्तमान मंदिर को कच्छ वंश के राजा चिलाराय ने बनवाया था और मुगल बादशाह औरंगजेब
के हमलों में यह नष्ट हो गया था। इसका पुर्ननिर्माण राजा नर-नारायण ने 1656 में
करवाया था।
नव गृह मंदिर
नवग्रह मंदिर को 18वीं शताब्दी में अहोम राजा राजेश्वर सिंह और बाद में उनके बेटे रुद्र सिंह या
सुखरुंगफा के शासन काल में बनवाया गया था। 1897 में इस क्षेत्र में आए
भयानक भूकंप में मंदिर का काफी बड़ा हिस्सा नष्ट हो गया था। परिसर में बना तालाब
भी यहां का एक प्रमुख आकर्षण है।
वशिष्ट आश्रम
वशिष्ठ आश्रम मंदिर को 'वशिष्ठ मंदिर' के नाम से भी जाना जाता है। भगवान शिव को
समर्पित वशिष्ठ आश्रम अहोम राजा राजेश्वर सिंह द्वारा 1764 ईसवी में कामरूप शैली में, बनवाया
गाँधी मंडप
चिड़िया घर
गुवाहाटी स्थित असम राज्य
चिड़ियाघर की स्थापना 1957 में हुई थी। यह पूर्वात्तर राज्य का सबसे बड़ा
चिड़ियाघर है, जो लगभग 1.75 किलोमीटर में फैला है
चर्च
इस्कॉन मंदिर
डिगबोई – कबिर्स्तान
गोल्फ ग्राउंड
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