Saturday 30 May 2020

श्री कालेश्वर मंदिर हिमाचल

हिमाचल मैं छोटी काशी ,मंडी के बारे तो सब जानते है परन्तु हिमाचल मैं छोटा हरिद्वार भी है -यह कम ही लोग जानते है -- यह जगह हिमाचल के कांगड़ा देहरा के परागपुर गांव में स्थित है। पठानकोट से 123 किलोमीटर दूर - वाया अम्ब  होते आप यहाँ पर जा सकते है -प्रसिद्द शक्ति पीठ ज्वालाजी मंदिर से केवल 11  किलोमीटर दूर है छोटा हरिद्वार यहाँ  ब्यास नदी के किनारे बना है एक पुरातन मंदिर

श्री कालीनाथ कालेश्वर मंदिर


 मां चिंतपूर्णी के इर्द-गिर्द चारों तरफ रुद्र माह देव मंदिर है। उन्ही में से एक है कालेश्वर मंदिर।- लोक मान्यता अनुसार इस मंदिर का सम्बन्ध महाभारत काल मैं पांडवो के अज्ञातवास से जुड़ा है -यहां पर स्‍थापित शिवलिंग भी अपने आप में अद्वितीय है। महादेव की पिंडी भू-गर्भ में स्थित है। मान्यता है कि इस शिवलिंग में महाकाली और भगवान शिव दोनों का वास है। पौराणिक कथा अनुसार  मां काली ने शिव को पति के रूप में पाने के लिए यह आकर अतिंम तपस्या की थी।  शिव कि जिस स्थान पर राक्षसों का खून नहीं गिरा होगा, वहीं मैं तुम्हें मिलूंगा। कालेश्वर मंदिर वही स्थान है। यहीं पर काली मां को शिव प्राप्त हुए थे।



 शिवलिंग के बारे में मान्यता है कि यह हर साल एक जो के दाने के बराबर पालात में धंसता जा रहा है। कालेश्वर तीर्थ स्थल के पास प्राचीन पंचतीर्थी सरोवर भी है। मान्यता है की पांडव कुंभ के मेले मैं जाना चाहते थे परन्तु किसी कारन वश जा नहीं पाए पांडवों की मां ने जब स्नान की इच्छा जताई तो अर्जुन ने पहाड़ से पांच तीर मार कर मां गंगा को प्रकट किया। इस लिए इस जगह को पंज तीरथी भी कहा जाता है


 ब्यास नदी




 इसके समीप ही श्मशानघाट है जहां पर हिंदू धर्म के लोग अपने प्रियजनों का अंतिम संस्कार करने आते हैं।
 पवित्र तीर्थ स्थल के दर्शनों के लिए दूर-दूर से श्रद्धालु आते हैं। मंदिर मैं कोई भीड़ भाड़ नहीं है- फ्री भोजन की व्यवस्था भी एक साधु द्वारा की जाती है - पास के बाजार मैं भी खाने पीने के प्रबंध है
महाशिवरात्रि पर यहां बड़े पैमाने पर मेला  लगता है।

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