नासिक
गोदावरी
नदी के तट पर बसा महाराष्ट्र का यह शहर अपने अंगूरों एवं कुम्भ मेले के लिए प्रसिद है त्रियंबकेश्वर ज्योतिलिंग यहाँ से केवल 30 K.M दूर है यहाँ से शिरडी 100 K.M है यह शहर काफी सस्ता है बस आप को मोल भाव करना आना चाहिए पंचवटी मैं सुबह किसी भी स्ट्रीट फ़ूड ( रेहड़ी वाला ) से आप अच्छा एवं सस्ता नाश्ता कर सकते है
अंजनानी
राम जी के परम भगत हनुमान का यह जनम अस्थान माना जाता है अंजनानी का अर्थ ही है अंजनी का पुत्र -
गोरा राम मंदिर
गोरा राम मंदिर देवराव हिंगने
ने 1782 मैं बनवाया था
कालाराम मंदिर
राम कुंड के पास ही काला राम मंदिर है यहाँ प्रभु राम की मूर्ति काले पत्थर की है इसी लिए इसका नाम कला राम पड़ा सरदार रंगा राओ ने इस
मंदिर को 1788 मैं बनवाया था
मुक्ति
धाम
संगेमरमर से बने इस मंदिर की खास बात यह है की यहाँ पर गीता के 18 अध्याय कार्विंग से बनाय गए है यहाँ की धर्मशाला मैं आप को रहने के लिए जगह मिल सकती है सब ज्योतिलिंगो के प्रारूप भी यहाँ विराजमान है
पंचवटी
घाट
यहाँ का पंचवटी घाट मंदिरों की एक पूरी श्रंखला से सजा हुआ है भगवान राम ने अपने बनवास के समय यहाँ निवास किया था यही तपोवन मैं लक्ष्मण जी ने सरूप नखा की नाक काटी थी
राम कुंड
मान्यता
है की यहाँ पर राम जी स्नान किया करते थे , यहाँ आज हिन्दू धर्म को मानने वाले अपने अंतिम संस्कार के करम काण्ड के लिए आते है
गोदावरी
मंदिर
राम कुंड के बाहर है गोदावरी मंदिर
सीता गुफा
पंचवटी
का अर्थ है 5 वट,, वट वृक्ष ऐसा पेड़ है जिसकी लाइफ हजारो सालो की होती है , सीता गुफा के बाहर आज भी प्राचीन वट वृक्ष है लोक कथा अनुसार जब लक्ष्मण ने सरूप नखा का नाक काट दिया तो हज़ारो राक्षस लड़ने के लिया पहुँच गए तो राम भगवन ने इस गुफा मैं सीता माता को छुपा दिया था बाए तरफ सीता गुफा है सामने वट का प्राचीन वृक्ष है
सूर्य नारायण मंदिर
सूर्य की पहली किरण इस मंदिर के गर्भ गृह मैं पड़ती है यह भगवन विष्णु जी को समर्पित है इसे 1756 मैं चंद्रचूड़ ने बनवाया था
तपोवन
शहर से 5 K.M दूर है यहाँ पर समाधि लगाने के लिए साधु रहते है
वेद मंदिर
शिरडी
नासिक से शिरडी की दूरी 88 K.M है यहाँ साई बाबा
का विशाल मंदिर है खास बात है यहाँ की रसोई जहाँ पर रोज एक लाख से जयादा लोग
खाना कहते है यह भारत की सबसे बड़ी रसोई मानी जाती है और सारा खाना
सूर्य की गर्मी ( सोलर एनर्जी ) से बनता है तस्वीर जो आप देख रहे है यह
27 साल पुराणी है अब चाँदी की जगह सोने का सिहासन लगा दिया गया
इस जगह आप
श्रद्धा से जाते है
परन्तु यहाँ के लोगो टैक्सी ,होटल
,शॉप वालो का व्यव्हार बहुत ही
गन्दा है आप से हर वास्तु के 4
गुना दाम मांगे जाये गे नासिक
मैं आम लोगो का वयवहार
ज्यादा
अच्छा है मंदिर प्रबंधन की तरफ
से खाने पीने की सस्ती चीज़ो का
प्रबंध बहुत अच्छा
है
यहाँ शनि देव की 8 फ़ीट ऊँची एक फुट चौड़ी शिला लगी है इस गांव मैं खास बात है यहाँ किसी भी घर मैं दरवाजा नहीं है लोगो की मान्यता है की शनि देव खुद उनकी रक्षा करते है इतना ही नहीं घर के किसी सामान को ताला भी नहीं लगाया जाता शनि देव की शिला भी खुले आस्मां के नीचे रखी गयी है यह बात अलग है की जब मैंने इस बारे बस स्टैंड के बिलकुल सामने बने पुलिस स्टेशन मैं जा पुलिस अफसर को कहा कि क्या मैं अपनी गाड़ी बिना अटैंडेंट के छोड़ दू तो उन्होंने मुझे ऐसा करने से साफ़ मना कर दिया
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