Friday 21 July 2017

पुरमंडल का प्राचीन शिव मंदिर जम्मू

पठानकोट से सत्तर किलोमीटर दूर जिला साम्भा मैं जम्मू के पास देविका नदी के किनारे बसा मंदिरो का शहर परमंडल जिसे छोटी काशी भी कहा जाता है जहां लोग अंतिम संस्कारो के लिए भी आते थे -आज खुद की हालत पर रोता सा दीखता है -यहाँ नदी दक्षिण से उत्तर की तरफ बहती है यहाँ फ्रेस्को आर्ट से सजी अनगिनत इमारते सरकार की बेरुखी के कारण तिल तिल मर रही है - इस हिन्दू तीर्थ की अब भी कोई सुध नहीं लेगा तो इतिहास मैं खो जाये गा यह तीर्थ -- जम्मू ,साम्भा मैं टूरिस्ट की संभावना भी इससे बाद सकती है - आओ आवाज उठाये और -इतिहास के एक पन्ने को बचाने का प्रयास करे


पुरमंडल छोटा काशी जम्मू से 30 K.M  दूर एक छोटा सा  गांव है जो  उस्ताद बिस्मिल खान , भगत कबीर जैसे महान लोगो को  जनम भूमि है  इसे उत्तर का छोटा काशी भी कहते है श्री गुरु नानक देव जी तथा महाराजा रंजीत सिंह ने भी इन मंदिरो मैं अपना शीश नवाया है 









ऊँचा नीचे पुल्ल सड़क की दुर्दशा आप को इस जगह की हालत बयां कर देगी




परमंडल का प्राचीन शिव मंदिर


 देवक नदी के किनारे बना यह शिव मंदिर आज अपने जीर्णोद्वार के लिए भगवन शिव से प्रार्थना कर रहा है यहाँ नदी के बीच मैं अंतिम किर्या कर्म किये जाने से आस पास और गंदगी फेल चुकी है सरकारी प्रबंधन की अनदेखी का शिकार  यह मंदिर आने वाले सालों मैं शायद न दिखे यहाँ अमावस्या को मेला लगता है यह मंदिर एक पहाड़ी पे स्तिथ है यहाँ के शिवलिंग पे आप जितने भी पानी चढ़ा दे वो ग़ुम हो जाता है नदी को गुप्ता गंगा कहते है नदी यहाँ उलटी दिशा मैं बहती है थोड़ी सी रेत् हटाने से पानी निकल आता है यहाँ बने भीति चित्र देखने लायक है

भीति चित्र


 गीदड़री की मूर्ति


               शिवलिंग जहाँ पे जल अभिषेक किया जाता है

देविका नदी में एक फुट गड्ढा खोदने पर ही निकलता है पानी
उत्तरवाहिनी और देविका के नाम से यह तीर्थ स्थान काफी मशहूर है, क्योंकि देविका नदी को गंगा की बड़ी बहन माना जाता है। शिव भगवान ने माता पार्वती से शुद्ध महादेव में नदी रूप में तीर्थ स्थान की मांग रखी थी, जिसको माता पार्वती ने स्वीकार किया। जो शुद्धमहादेव से निकलकर उधमपुर से होते हुए इंद्रेश्वर पहुंचने के बाद सीधा पुरमंडल में निकलती है। इस देविका नदी की विशेष बात यह है कि पंजाब, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर के ज्यादातर लोग बुजुर्गों या स्वर्ग वासियों की अस्थियां इसी नदी में विसर्जित करते हैं। देविका नदी में एक फुट गड्ढा खोदने पर ही पानी निकलता है जिससे लोग स्नान करके पापों का प्रायश्चित करते हैं। देविका नदी को गुप्त गंगा के रूप में भी जाना जाता है।

उत्तर  बेहनी

परमंडल उत्तर वाहिनी तीर्थ स्थल का इतिहास जो 2500 साल पुराना है

उत्तर  बेहनी पुरमंडल के पास अलग गांव है यहाँ पर भी बहुत से शिव मंदिर है यहाँ राम मंदिर भी है





यहाँ के दस से बारह फ़ीट बड़े शिव लिंग आप को आकर्षित करे गे 

कहा जाता है कि स्वर्गीय महाराजा रणवीर सिंह ने उत्तरवाहिनी से पुरमंडल के बीच पाए जाने वाले तीर्थ स्थानों पर मंदिर बनाने की योजना बनाई थी, जिसके लिए उन्होंने काशी विश्वनाथ से बड़े-बड़े शिवलिंग मंगाए।




No comments:

Post a Comment

श्री खाटू श्याम जी

  निशान यात्रा में झूमते   भक् ‍ त - भगवान खाटू श्याम की जयकार करते हुए तंग गलियों से गुजरते हुए आनंद मे खो जाते है   और ...