Monday, 24 July 2023

सिक्किम गंगटोक

 सांप की तरह बल खाती, काली कालतोर की सड़क , तस्तरी नुमा पहाड़ो पर ,चहकते हुए हरे भरे चाय बागान के बीच से गुजरती है तो स्वर्ग के आनंद का एहसास होता है -उड़ते  बादल -आप को छू कर चले जाते है -शांत प्रकृति बाहें फैला कर आपको अपनी गोद  मे लेने को आतुर प्रतीत होती है


यह अद्भुत नजारा है it's a wonderful sight

 जादुई हिमालय पर्वत माला पर शिवालिक पहाड़ियों के ऊपर 1437 मीटर की ऊंचाई स्थित भारत के सुन्दर शहरों में से एक  ,सिक्किम राज्य का सबसे बड़ा शहर गंगटोक  



ये शहर अपनी ताजी हवाओं, वनों, पहाड़ों, घाटियों बादलों के चादर ओढ़े पर्वत श्रृंखलाएं और बर्फीली चोटियों  के लिए जाना जाता है। सर्दी के मौसम में इसकी खूबसूरती देखने लायक बनती है। इसके लिए यह देश के सबसे अच्छे ट्रेकिंग स्पाट के लिए भी जाना जाता है।



गंगटोक, जिसे लैंड आँफ मोनास्ट्री के नाम से भी जाना जाता है गंगटोक 1840 में बौद्ध शिक्षाओं के एनची मठ के निर्माण के बाद यह एक छोटा तीर्थस्थल बन गया।जब भारत आज़ाद हुआ तो सिक्किम वालों ने खुदको अलग मोनार्क में रखने का फैसला लिया।1975 की लड़ाई और विवाद के बाद, सिक्किम को एक इंडियन स्टेट बनाया गया, जिसकी राजधानी गैंगटोक को घोषित किया गया।






अंतर्राष्ट्रीय भारत-चीन सीमा की जिसको देखने के लिए आपको एक परमिट की जरूरत होती है। इस परमिट को आप गंगटोक जाने के बाद आसानी से हासिल कर सकते हैं। बता दें कि नाथुला पास- भारत-चीन सीमा पर सिर्फ भारतीय पर्यटकों को जाने की अनुमति होती है और विदेशियों को यहां जाने की अनुमति नहीं है।


एमजी रोड गंगटोक का दिल कहा जाता है। यह जगह आने वाले लोगो द्वारा बेहद पसंद की जाती है। बता दें कि एमजी रोड खूबसूरत राज्य की राजधानी का केंद्रीय शॉपिंग हब है, जिसमें कई तरह की दुकानें, रेस्तरां, और होटल हैं।लगभग 1 किमी सड़क की सबसे खास बात यह है कि यहां पर सफाई और स्वच्छता पर ध्यान दिया जाता है।



MG Marg market remains closed on Tuesdays, many shops do not accept cards.





 गंगटोक से करीब  24 कि.मी.  की दूरी पर , 14,450 फीट की ऊंचाई पर - एक पहाड़ी पर स्थित है भारत का  सबसे प्राचीन मठ  रुम्तेक मोनेस्ट्री -- रुम्तेक  का अर्थ है भगवान-  



इसका निर्माण  9वें कर्मापा रंगजंग रिग्पे दोर्जे द्वारा सन् 1740 में बनवाया गया था    इस इमारत का मुख्य हिस्सा  सुरफू में स्थित  पारंपरिक तिब्बती मठ शैली और संरचना  के अनुरूप ही बनाया गया है। जो करमापा वंश की मुख्य सीट थी।


बौद्धों के काग्यू संप्रदाय से संबंधित है । चीन ने तिब्बत पर विजय प्राप्त करने के बाद, 16 वें करमापा भारत में भाग गया, और अपने निर्वासन के लिए रुमटेक को चुना। 





विशाल प्रार्थना कक्ष को आलीशान कलाकृतियों, मूर्तियों और प्राचीन थांकाओं (कपड़े पर बनाई गयी बौद्ध धर्म चित्रकारी) से सजाया गया है। 

भगवान बुद्ध के 1001 लघु सोने के मॉडल और ऐसी कई आकर्षक चीजें हैं।    जिसमें साक्य मुनि बुद्ध की 10 फीट ऊंची प्रतिमा स्थापित की गयी है। 


चार मंजिलों से बना है देश का सबसे बड़ा बौद्ध धर्म सीखने का सेंटर भी है।









उनके आदेशानुसार  नए रुमटेक मठ का निर्माण 1961 में शुरू हुआ और 1966 में पूरा हुआ।



दरवाजे की दहलीज पर कदम न रखें या खड़े न हों क्योंकि यह बुद्ध के कंधों का प्रतीक है





यह दुनिया के अद्वितीय धार्मिक ग्रंथों और दुर्लभ वस्तुओं का संग्रह है। नालंदा इंस्टिट्यूट ऑफ बुद्धिस्ट स्टडीज है

मठ के अंदर स्थापित सोने का स्तूप, जिसमें 16 वें करमापा के अवशेष हैं। वज्र मुकुट  --बहुमूल्य रत्नों, हीरे और सोने से जड़ी एक काली टोपी। वज्र मुकुट 15वीं सदी में चीन के तत्कालीन सम्राट ने 5वें करमापा को भेंट किया था।




दो द्रूल चोर्टेन - Do Drul Chorten दो द्रूल चोर्टेन, गंगटोक के मुख्य आकर्षणों में से एक है। इसे सिक्किम का सबसे महत्वपूर्ण स्तूप माना जाता है।


इसकी स्थापना त्रुलुसी रिमपोचे ने 1945 ईस्वी में की थी, जो तिब्बतियन बौद्ध धर्म के नियंगमा सम्प्रदाय के प्रमुख थे।



इस मठ का शिखर सोने का बना हुआ है। इसमें 108 प्रार्थना चक्र है, जहां गुरु रिमपोचे की दो प्रतिमाएं भी स्थापित है




नामग्याल इंस्टीट्यूट ऑफ तिब्बतोलॉजी और गंगटोक सेंटर के करीब।



सप्ताह के सभी दिन सुबह 8 बजे से शाम 6 बजे तक




गंगटोक से 5 किमी है। 

नामग्याल तिब्बत विज्ञान संस्थान में पांडुलिपिया, स्मृति चिन्ह और तिब्बती दस्तावेजों आदि की प्रदर्शनी देख सकते हैं।


इस संस्थान की आधारशिला 14वें दलाई लामा ने रखी थी।यहां फोटोग्राफी करना मना है। यहां रविवार को ये संस्थान बंद रहता है।

गंगटोक से 3 किमी door वज्रयान बौद्ध धर्म के निंग्मा  section से संबंधित एनची मठ लगभग 200 वर्ष पुराना  है।'एंची मठ' का शाब्दिक अर्थ ' एकान्त मठ ' है।


 
इस स्थान को तांत्रिक कला के प्रसिद्ध लामा द्रुप्थोब कार्पो का आशीर्वाद प्राप्त है।


मान्यता अनुसार वो अपनी तांत्रिक शक्तियों के बल से उड़ भी सकते थे



यह भी कहा जाता है कि दक्षिण सिक्किम के मेनम हिल से उड़ान भरकर यहां आने के बाद भिक्षु ने मठ के स्थान पर एक छोटा सा आश्रम बनाया था।



मठ पहली बार 1840 के दशक में आठवें चोग्याल द्वारा बनाया गया था



 मठ की वर्तमान संरचना सिदकेओंग तुल्कु (1909 1910) के शासनकाल के दौरान बनाई गई थी।



एनची मठ आज लगभग 90 भिक्षुओं का घर है।


इसमें देवी-देवताओं और धार्मिक वस्तुओं की कई छवियां हैं।



बुद्ध, लोकेतेश्वर और गुरु पद्मसंभव तीन महत्वपूर्ण देवता हैं जिनकी मठ में पूजा की जाती है।






Gonjang Monastery

गोंजांग मठ1981 में एच.ई. द्वारा बनाया गया था।

गंगटोक बस स्टेशन से 8 किमी दूर, ताशी व्यूप्वाइंट के पास है



8
वीं शताब्दी में तिब्बती बौद्ध धर्म के  3 संस्थापक तिंग्की गोंजांग रिम्पोचे , कोई खेन-लोप चो-सुम, और गुरु पद्मसंभव की उत्कीर्ण मूर्तियाँ देख सकते  है  

और गुरु पद्मसंभव  के पच्चीस शिष्यों की उत्कीर्ण मूर्तियाँ देख सकते  है

गुरु पद्मसंभव  को जे-बंग न्येर-नगा कहा जाता है।











food you must try in gangtok

Churrpi Soup- चुरपी गाय या याक के दूध से बना एक स्थानीय स्नैक्स है। यह मूल रूप से एक पनीर डिश है

 शिमी को अचार- सिक्किम का एक लोकप्रिय व्यंजन जो स्ट्रिंग बीन्स से बनाया जाता है। मसालों और खट्टेपन को संतुलित करने के लिए इसमें तिल, हरी मिर्च और नींबू मिलाया जाता है।

 छुरपी निंग्रो करी- पनीर, बांस की टहनी और कई मसालों जैसे- निंग्रो, हल्दी और मिर्च से बनी एक बहुत लोकप्रिय करी, जो इसके स्वाद को बढ़ाती है।

 सिक्किम की चाय- पारंपरिक बर्तनों में परोसी जाने वाली यह चाय टेमी चाय बागान से तैयार की जाती है। सिक्किम में यह पेय अवश्य पीना चाहिए।

FAMOUS FOOD JOINTS OF GANGTOK on     M.G Marg ---

9’INE नेटिव कुजीन-------अपने तिब्बती व्यंजनों के लिए मशहूर है। आप मोमोज, चिकन के साथ सिक्किमी सेट मील, फर्मेंटेड सोयाबीन, डिम सम और मशरूम कच्ची जैसे व्यंजनों का लुत्फ़ उठा सकते हैं।

 बेकर्स कैफ़े में आप  एस्प्रेसो, ताज़ा नींबू आइस्ड टी, क्रोइसैन, बैगूएट्स, पैनिनिस, पिज़्ज़ा, हॉट डॉग और पेस्ट्री के लिए जाना जाता है।

 अग्रवाल स्वीट्स एंड स्नैक्स: महात्मा गांधी मार्ग,

कॉफी शॉप: अनोला बिल्डिंग, महात्मा गांधी मार्ग,

शफल मोमोज: महात्मा गांधी मार्ग, रोल हाउस: महात्मा गांधी मार्ग, एचडीएफसी बैंक के सामने

टेस्ट ऑफ तिब्बत: महात्मा गांधी मार्ग

TAMIL NADU - TOURIST PLACES

  TAMIL NADU - TOURIST PLACES  Historical and Cultural Sites: Mahabalipuram: Kanchipuram: Madurai: Thanjavur:---Brihadeeswarar Templ...