Sunday 9 July 2023

मिरिक-दार्जिलिंग

 

समुन्द्र तल से 5899 फुट ऊचाई पर स्तिथ   मिरिक पर्वतो की गोद में बसा , रंगबिरंगे फूलों, हरी भरी वादियां ,झरने खुशबूदार वृक्षो से ढका  बहुत ही सुंदर स्थान है। यह शहर बरबस ही अपनी ओर आकर्षित करता है



मिरिक का नाम लेपचा शब्द, मिर-योक से बना है, जिसका मतलब है 'आग से जली जगह'।   Its  famous for lake .





झील क्षेत्र एक दलदली भूमि थी जिसमे   Acorus Calamus पानी में उगने वाले पौधों की भरमार थी  1969 में, पश्चिम बंगाल पर्यटन विभाग ने पड़ोसी थर्बो चाय बागान से 335 एकड़ भूमि के अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू की। इस भूमि को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने का काम 1974 में शुरू हुआ जब सिद्धार्थ शंकर रे पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री थे। पर्यटक स्थल, जिसमें नव निर्मित झील और डे सेंटर शामिल थे, का उद्घाटन अप्रैल 1979 में पश्चिम बंगाल के अगले मुख्यमंत्री ज्योति बसु द्वारा किया गया था।

सुमेन्दु झील की गहराई किनारो पर 3 फुट तथा मध्य मे 26 फुट के लगभग है। यह झील ढेड किलोमीटर के लगभग लंबी है।



सुमेंदु झील के  एक तरफ सावित्री पुष्पौद्यान है जिसका नाम  सावित्री थापा, आईएनए के एक शहीद सैनिक के नाम पर रखा गया है और दूसरी तरफ चीड़ के पेड़ों से घिरा हुआ है , 





इस मिरिक झील पर एक पुल भी बना है। इंद्रेनी फुटब्रिज -(इंद्रेनी थापा,

 आईएनए के एक शहीद सैनिक के नाम पर)है 
 

मिरिक लेक के पास ही पुल के दूसरी ओर ऊंचाई पर लगभग 10 मिनट चढ़ने के बाद छह−सात छोटे−छोटे मंदिरों का समूह दिखता है। यह स्थान 'देवी स्थान' के नाम से जाना जाता है।




यदि आप एक यात्री हैं तो आप अब तक जान गए होंगे कि सबसे खूबसूरत जगहें सबसे unexpected  समय पर मिलती   हैं और यह view point  इसका एक उदाहरण है-

यह है tinchuley  view  point ----टिंचूले शब्द लोकल भाषा से लिया गया है -जिसमे टिन का अर्थ है तीन -चूले का अर्थ  है चूल्हा- इसका यह नाम इस पहाड़ी गांव के तीन हिल्स द्वारा  घिरे होने के कारन पड़ा  5800 मीटर की ऊंचाई पर स्तिथ यह गांव दार्जीलिंग से 32  किलोमीटर दूर है   


अपने कैमरे को चार्ज रखना भूलें क्योंकि हो सकता है कि आपको अपना फ्रेम पाने के लिए 100 शॉट क्लिक करने पड़ें यहाँ पर रोड साइड होटल्स है जहाँ पर मोमो-मैग्गी -चाय की चुस्कियों के बीच आप खूबसूरत चाय बागान के नजारो का आनंद ले सकते है



मिरिक से दार्जीलिंग जाते  tinchuley  view  point के बाद सबसे

 खूबसूरत view  point है गोपालधारा  



फिर आता है पशुपति नाथ -यह नेपाल ka entry पॉइंट है यहाँ आप

 आधार कार्ड दिखा नेपाल जा सकते है 


इसके बाद pineview -view पॉइंट है जिसकी ticket 20 rs है -जो की

 टोटल waste है


लास्ट है लेपचा जगत -जहाँ से आपको दार्जिलिंग का विहंगम दृश्य

 दिखाई देता है 


होटल जगजीत मिरिक के सबसे पुराने होटल्स मे है -1980 मे बना यह

होटल मिरिक की शान है -मेरे लिए personal तोर पर इस होटल मे

विजिट करना imotional experience है -मेरे parents जब मे 2 साल की

थी इस होटल मे आये थे -जब होटल वालों से यह बात शेयर की उन्होंने

हमें ग्रीट किया एवं वंडर full लंच ऑफर किया -जिसकी quality तथा

quanitity दोनों ही सुपर थी


दार्जिलिंग  - वाया मिरिक आने के लिए आप सिलीगुड़ी तक

 ऑटो से आ कर शेयरिंग टैक्सी भी ले सकते है - सिलीगुड़ी से

 आप govt बस भी सकते है परन्तु खुद की   कन्वेन्स ज्यादा

 comfortable रहती है - टैक्सी वालों से आप  bargain कर

 सकते है -यहाँ  रेट फिक्स नहीं है
















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