समुन्द्र
तल से 5899 फुट ऊचाई पर स्तिथ मिरिक पर्वतो की गोद में बसा , रंगबिरंगे फूलों, हरी भरी वादियां ,झरने व खुशबूदार वृक्षो से ढका बहुत ही सुंदर स्थान है। यह शहर बरबस ही अपनी ओर आकर्षित करता है
मिरिक का नाम लेपचा शब्द, मिर-योक से बना है, जिसका मतलब है 'आग से जली जगह'। Its famous for lake .
सुमेन्दु झील की गहराई किनारो पर 3 फुट तथा मध्य
मे 26 फुट के लगभग है। यह झील ढेड किलोमीटर के लगभग लंबी है।
इस मिरिक झील पर एक पुल भी बना है। इंद्रेनी फुटब्रिज -(इंद्रेनी थापा,
मिरिक लेक के पास ही पुल के दूसरी ओर ऊंचाई पर लगभग 10 मिनट चढ़ने के बाद छह−सात छोटे−छोटे मंदिरों का समूह दिखता है। यह स्थान 'देवी स्थान' के नाम से जाना जाता है।
यदि आप
एक
यात्री
हैं
तो
आप
अब
तक
जान
गए
होंगे
कि
सबसे
खूबसूरत
जगहें
सबसे
unexpected समय पर
मिलती हैं और
यह
view point इसका एक
उदाहरण
है-
अपने कैमरे
को
चार्ज
रखना
न
भूलें
क्योंकि
हो
सकता
है
कि
आपको
अपना
फ्रेम
पाने
के
लिए
100 शॉट
क्लिक
करने
पड़ें
यहाँ
पर
रोड
साइड
होटल्स
है
जहाँ
पर
मोमो-मैग्गी
-चाय
की
चुस्कियों
के
बीच
आप
खूबसूरत
चाय
बागान
के
नजारो
का
आनंद
ले
सकते
है
मिरिक से दार्जीलिंग जाते tinchuley view point के बाद सबसे
लास्ट है लेपचा जगत -जहाँ से आपको दार्जिलिंग का विहंगम दृश्य
दिखाई देता है
होटल जगजीत मिरिक के सबसे पुराने होटल्स मे है -1980 मे बना यह
होटल मिरिक की शान है -मेरे लिए personal तोर पर इस होटल मे
विजिट करना imotional experience है -मेरे parents जब मे 2 साल की
थी इस होटल मे आये थे -जब होटल वालों से यह बात शेयर की उन्होंने
हमें ग्रीट किया एवं वंडर full लंच ऑफर किया -जिसकी quality तथा
quanitity दोनों ही
सुपर
थी
दार्जिलिंग - वाया मिरिक आने के लिए आप सिलीगुड़ी तक
ऑटो से आ कर शेयरिंग टैक्सी भी ले सकते है - सिलीगुड़ी से
आप govt बस भी सकते है परन्तु खुद की कन्वेन्स ज्यादा
comfortable रहती है - टैक्सी वालों से आप bargain कर
सकते है -यहाँ रेट फिक्स नहीं है
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