Saturday, 8 July 2023

चार धाम नामची

 

दक्षिण सिक्किम में बसा हुआ नामची - सिक्किम पर्यटन का पसंदीदा गंतव्य बन चुका है। यह राज्य की राजधानी गंगटोक से 78 किलोमीटर   और सिलीगुड़ी शहर से 100 किलोमीटर  की दूरी पर स्थित है। सबसे करीबी एयरपोर्ट बागडोगरा एयरपोर्ट और सबसे करीबी रेलवे स्टेशन नई जलपाईगुड़ी है, जहां से आप डायरेक्ट टैक्सी बुक करके नामची पहुंच सकते हैं



स्थानीय भाषा अनुसार नामची दो शब्दों के मेल से बना है नाम तथा ची -नाम का अर्थ है -आस्मां ची का अर्थ है -ऊँचा -अर्थात आस्मां से ऊँचा महाभारत की एक कथा अनुसार  अर्जुन ने भगवन शिव की तपस्या कर  पशुपतिअस्त्र  प्राप्त किया था मान्यता अनुसार यह वृतांत  नामची का है


नामची  चार धाम जिसे सिद्धेश्वर चार धाम भी कहा जाता है भारत के प्रमुख तीर्थ स्थलों की सभी चार धाम (बद्रीनाथ, रामेश्वरम, जगन्नाथ पुरी और द्वारका धाम) और भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंग मंदिर  -एक ही जगह समेट कर पर बनायी गयी प्रतिकृति है।



इस परिसर का उद्घाटन नवंबर 2011 में श्री जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानन्द सरस्वती महाराज और अनेकों धार्मिक गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति में प्राण प्रतिष्ठान के साथ हुआ।


परिसर में प्रवेश करने के लिए प्रत्येक व्यक्ति पर 50/- रु. का प्रवेश शुल्क है। एंट्री गेट पर ही आपको जूते-चप्पल रखने के लिए फ्री काउन्टर मिल जाएगा। नामची चार धाम में पार्किंग की सुविधा भी उपलब्ध है, जहां बाइक का पार्किंग फीस ₹20 और कार वगैरह के लिए ₹40 लिया जाता है। चारधाम के परिसर में यात्री निवास है, जहां पर यात्री रह भी सकते



चारधाम की केंद्रीय आकर्षण 108 फीट ऊँची शिव मूर्ति है


रामेश्वरम मंदिर द्रविडी मंदिरों की शैली में निर्मित है




किरतेश्वर= किरतेश्वर का अर्थ है पशुओं का रक्षक। हात में धनुष्य पकड़े किरतेश्वर को सिक्किम में यह शिव भगवान का स्थानीय अवतार माना जाता है।


सोमनाथ मंदिर गुजराती शैली में बनवाया गया है, जिसकी छत पिरामिड जैसी है।




चारधाम परिसर के बीचोबीच एक फव्वारा बहता है, जहां अपने-अपने वाहन पर खड़ी गंगा और यमुना की मूर्तियां स्थित हैं। गंगा का वाहन मगरमच्छ है और यमुना का वाहन कछुआ।



जगन्नाथ पूरी का मंदिर जहां पर कृष्ण बलराम और सुभद्रा के साथ रहते थे




शिव पुराण के अध्यायों को दर्शाया गया है। इसमें शिव भगवान के विवाह से लेकर, प्रजापति दक्ष के यज्ञ के बाद शिवजी द्वारा माता सती के मृत शरीर को लेकर घूमने से, शिवजी को पाने के लिए माता पार्वती द्वारा की गयी तपस्या तक सब कुछ समाहित है।







मुख्य मंदिर






12 ज्योतिलिंग मंदिर बाहर से देखने को एक ही लगते है परन्तु अन्दर शिवलिंग अलग अलग है



यहाँ पर देखने लायक है साईं मंदिर -हेलिपैड -एक मोनेस्ट्री














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