चम्बा
Kolian ट्राइब्स
का चम्बा मैं रहने का वर्णन 2nd century B.C मैं हिस्टोरिकल रिकार्ड्स मैं मिलता है यहाँ भरमौर के राजा का राज था राजासाहिल
वर्मा ने 920 A.D मैं अपनी राजधानी भरमौर से चम्बा शिफ्ट की थी उनकी बेटी
चम्पावती के नाम पर इस स्थान का नाम चम्बा पड़ा I यहाँ के मंदिर , पहाड़ी पेंटिंग , चम्बा
रुमाल फेमस है 935 A.D से यहाँ मिनजर मेला
लगता है
चम्बा का पहाड़ी से लिया गया चित्र
चौगान
इस का संस्कृत
मैं अर्थ है 4 किनारो वाला। 2600 फ़ीट लम्बा 260 फ़ीट चौड़ा ये मैदान 1890 मैं खेल के
मैदान के तोर पर विकसित किया गया था
हरी
राय मंदिर
चौगान के
एक किनारे पे भगवन विष्णु का 11 A.D का ये मंदिर स्तिथ है इसमें 8 धातु की बनी 4 मुख वाली विष्णु की मूर्ति
है यह मंदिर सालबाहन ने बनवाया था।
चामुंडा
देवी मंदिर
चम्बा की
एक पहाड़ी पे स्तिथ इस मंदिर से आप पूरा चम्बा देख सकते है राजा उमेद सिंह ने इसका निर्माण
1762 मैं करवाया था परन्तु ये एक ही मंदिर
है जिसकी छत gable style मैं है पुराने टाइम पर यहाँ 378 सीडी चढ़ कर जाते थे अब पक्का road बना है
लक्ष्मी
नारायण मंदिर
वैष्णव समुदाय
का ये मंदिर राजा साहिल वर्मा ने 10th A.D मैं बनवाया था इस में लकड़ी से बनी छतरी , उसके ऊपर शिखर एक गरब गृह , एक मंडप है
यहाँ पर वाद्य यन्त्र भी बनाये जाते है -एवं कलाकार पीतल की थाली पर विभिन्न चित्र भी बना ते है
मिनिएचर पेंटिंग -पहाड़ी चित्रकला मैं पदमश्री से सन्मानित श्री विजय शर्मा जी से मुलाकात जो आप को भूरीसिंह म्यूजियम मैं मिल जायेगे
भूरी सिंह म्यूजियम
ये म्यूजियम 14th sep 1908 को राजा भूरी सिंह की याद मैं बनवाया गया था यह म्यूजियम चम्बा के रहन सहन , रिवाजो , बर्तनो , पुराणी बुक्स , पेंटिंग्स की जानकारी के लिए अतुलया है
अखंड चंडी महल
चामुंडा
देवी मंदिर से जो सब से बड़ी हरे रंग की छत
है वो इस महल की है जिसे अब कॉलेज मैं बदल दिया गया है यह 1747 से 1765 के बीच बनवाया गया था राजा
उमेद सिंह ने 1748 से 1764
के बीच बनवाया था।
डलहौजी
1854 मैं ब्रिटिश राज मैं इस जगह को गर्मियों से निजात पाने के लिए चुना था ये 5 पहाड़ियों
पे स्तिथ है Scottish , Victorian art की बिल्डिंग एवं चर्च इस कूल पहाड़ी शहर की पहचान है
डलहौज़ी
का नाम Sir Donald mcleod की शिफारिश पे 1854 मैं लार्ड डलहौज़ी के नाम पे पड़ा
St John church
गाँधी चौक मैं स्तिथ ये चर्च जॉन हेनरी ने 1863 क्रिस्चन लोगो से दान ले कर बनवाया था
सुभाष
बावड़ी
नेता जी सुभाष चन्दर बोस जब यहाँ ठहरे थे तो इसी बावड़ी का पानी पीते थे आज आप को इस स्थान का रख रखाव देख कर शर्म आये गी
St Francis church
1894 मैं बना यह चर्च सुभाष चौक मैं है
पंचपुला
यहाँ पे शहीद भगत सिंह के चाचा अजीत सिंह की समाधि है GPO जिसे अब गाँधी चौक भी कहा जाता है से पंचपुला जाते आप सात धारा वाटर फॉल का आनंद भी उठा सकते है 2036 मीटर्स उच्चाई से गिरता वाटर फॉल अब केवल बरसात के मौसम ही दिखाई देता है
सुभाष चौक
खजियार
जिला चम्बा
डलहौज़ी से दूरी 24 K.M
On 7 July
1992, Mr. Willy T. Blazer,जो वाईस कौंसिलर Switzerland के थे इसे वर्ल्ड टूरिस्ट मैप पे ले कर आये और इसे "Mini Switzerland" का नाम दिया
खजियार झील
घास के 4k.m एरिया मैं फैले मैदान मैं वाछा घास से ढकी एक छोटी सी झील है चारों और चिनार के पेड़ है जो इस जगह की ख़ूबसूरती मैं 4 चाँद लगा देते है
खजियार
मंदिर
मैदान के पास ही एक लकड़ी से बना खाजी नाग देवता का चम्बा के राजा प्रीती सिंह द्वारा बनवाया 12 A.D का पुराना मंदिर है मंडप पे पांडवो की मुर्तिया वुड कार्विंग से बनी है
माँ जगदम्बे मंदिर
खज्जियार से 5 k.m दूर माँ जगदम्बे का मंदिर है थोड़ी दूरी पे शिव का 85 फुट बड़ा मूर्ति है
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