बैजनाथ
प्राचीन गोमती नदी के तट पर स्थित बैजनाथ 1,130 मीटर
की ऊंचाई पर स्थित है। यह स्थान भगवान शिव के 13वीं शताब्दी में नगोरा शैली में
बने प्रसिद्ध मंदिर के लिए जाना जाता है
बैजनाथ का पुराना नाम कीरग्राम था काँगड़ा जिला हिमाचल का यह शहर शिव भगवान् के 13th A.D के मंदिर के लिए पर्सिद है जिसे वैद्य नाथ मंदिर भी कहा जाता है जिसका अर्थ है वैद का देवता
धार्मिक मान्यता अनुसार रावण ने शिव जी की घोर तपस्या की व उनसे वरदान माँगा की वो उसके साथ लंका चले शिव जी ने अपने आप को शिला के रूप मैं रावण को सौंप दिया इस शरत के साथ की वो लंका तक इसको नीचे नहीं रखे गा परन्तु यहाँ आ कर रावण ने लघु शंका के लिए शिवलिंग को यहाँ रख दिया और शिव लिंग यही पे स्थापित हो गए
बैजनाथ का पुराना नाम कीरग्राम था काँगड़ा जिला हिमाचल का यह शहर शिव भगवान् के 13th A.D के मंदिर के लिए पर्सिद है जिसे वैद्य नाथ मंदिर भी कहा जाता है जिसका अर्थ है वैद का देवता
धार्मिक मान्यता अनुसार रावण ने शिव जी की घोर तपस्या की व उनसे वरदान माँगा की वो उसके साथ लंका चले शिव जी ने अपने आप को शिला के रूप मैं रावण को सौंप दिया इस शरत के साथ की वो लंका तक इसको नीचे नहीं रखे गा परन्तु यहाँ आ कर रावण ने लघु शंका के लिए शिवलिंग को यहाँ रख दिया और शिव लिंग यही पे स्थापित हो गए
मंदिर मैं लगे शिलालेख अनुसार1126 मैं 2 भाईओं मन्युका तथा आयुका ने इसे बनवाया था
श्रदालु
नंदी के कान मैं अपनी इच्छा बताते हुए
स्थानीय
ग्राम देवता का मोहरा
माँ
काली की यह मूर्ति अपनी कला के कारन अद्भुत मानी जाती है
शिवरात्रि को यहाँ मेला लगता है
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